Health Tips: ताड़ासन करने की विधि और लाभ


इससे शरीर की स्थिति ताड़ के पेड़ के समान हो जाती है, इसीलिए इसे ताड़ासन कहते हैं। ताड़ासन और वृक्षासन में फर्क होता है। यह आसन खड़े होकर किया जाता है। पंजे के बल खड़े रहकर दोनों होथों को उपर ले जाकर फिर फिंगर लॉक लगाकर हाथों के पंजों को ऊपर की ओर मोड़ दें और अर्थात हथेलियां आसमान की ओर रहें। गर्दन सीधी रखें। यह ताड़ासन है।

आसन का लाभ : 
इस आसन को नियमित करते रहने से पैरों में मजबूती आती है साथ ही पंजे मजबूत होते हैं तथा पिंडलियां भी सख्त होती हैं। इसके अलावा पेट व छाती पर खिंचाव पड़ने से उनके सभी प्रकार के रोग नष्ट होते हैं। पेट संबंधी रोग दूर होता है। वीर्यशक्ति में वृद्धि होती है। पाइल्स रोगियों को इससे लाभ मिलता है। यह आसन बच्चों की शारीरिक ग्रोथ और लंबाई बढ़ाने में महत्वपूर्ण है।

ताड़ासन योग के विभिन्य नाम
ताड़ासन को विभिन्य नामों से जाना जाता है जैसे:

पर्वतआसन: इसे पर्वत योग मुद्रा इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि पर्वत की तरह यह स्थिर एवं शांत प्रतीत होता है।

पाम ट्री योग: इसे पाम ट्री के नाम से इसलिए जाना जाता है क्योंकि खजूर के पेड़ की तरह लम्बा जान पड़ता है।

स्वर्गीय योग: इसे स्वर्गीय मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इसमें साधक अपने आप को स्वर्ग की ओर खींचता हुआ प्रतीत होता है।

ताड़ासन कैसे करें ?

ताड़ासन को अभ्यास करना बहुत आसान है। इसके ज़्यदा से ज़्यदा फायदा पाने के लिए इसे आपको सही विधि से करना होगा।
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  • इसके लिए सबसे पहले आप खड़े हो जाए और अपने कमर एवं गर्दन को सीधा रखें।
  • अब आप अपने हाथ को सिर के ऊपर करें  और सांस लेते हुए धीरे धीरे पुरे शरीर को खींचें।
  • खिंचाव को पैर की अंगुली से लेकर हाथ की अंगुलियों तक महसूस करें।
  • इस अवस्था को कुछ समय के लिए बनाये रखें ओर सांस ले सांस  छोड़े।
  • फिर सांस छोड़ते हुए धीरे धीरे अपने हाथ एवं शरीर को पहली अवस्था में लेकर आयें।
  • इस तरह से एक चक्र पूरा हुआ।
  • कम से कम इसे तीन से चार बार प्रैक्टिस करें।



ताड़ासन की सावधानियाँ


  • ताड़ासन वैसे साधक को नहीं करनी चाहिए जिनके घुटने में बहुत ज्यादा दर्द हो।
  • यह आसन गर्ववती महिला के लिए वर्जित है।
  • इसका अभ्यास उस वक्त नहीं करनी चाहिए जब आपको सिर दर्द हो।
  • अगर आप इस आसन को करना सीख रहें हैं तो पैरों की अंगुलियों पर आकर इस  
  • योगाभ्यास को मत करें।
  • अगर रक्तचाप ज्यादा या कम हो तब भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।